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Zindagi ka ye fasana hai

मेरी तो ज़िन्दगी का, बस इतना फ़साना है
राहों में कांटे हैं मगर, कुछ दूर और जाना है
कैसे हैं लोग कैसी है इस दुनिया की रिवाज़ें,
ज़ख़्मी है नशेमन, मुझे फिर भी मुस्कराना है
महफ़िल में रंग जमाना अब मुश्किल है यारो,
क्योंकि मेरे गीत अधूरे, और संगीत पुराना है
उम्मीद नहीं कि मिल भी पायेगी मंज़िल मुझे,
रहबर भी न कोई, न आगे का कुछ ठिकाना है
खुदाया कुछ मोहलत और दे दे ज़िन्दगी को,
अभी तो ज़माने को, कुछ और सितम ढाना है...

Zindagi ko alvida keh denge

tere intzaar mein shama jalaye baithe hain,
na aaye to khud ko jala jayenge ,
hum to aashiq hai keh denge alvida zindagi ko,
ban ke dariya samundar me sama jayenge...

Dushman bhi ajeez tha

मौत के बाद का, मेरा तज़ुर्बा बड़ा अजीब था
दुश्मन भी कह रहा था, मेरा बड़ा अज़ीज़ था
ज़िंदगी थी तो अपने पराये का झमेला था,
मगर मौत पर मेरी, हर कोई खड़ा क़रीब था
हर अदमी के चेहरे पर देखी मैंने मायूसी,
फिर चाहे बड़ा अमीर था, चाहे बड़ा गरीब था
जब ज़िंदगी थी तो क्या कमीं थी मुझमें,
बस सोचता हूँ ये कि, मेरा ही सड़ा नसीब था...

Aansu Bhi Bahaya Na Gya

एक क़तरा आँसू भी, उनसे बहाया न गया
किसी खौफ से, अपना मुंह उठाया न गया
मेरी #मौत पर भी वो हौंसला न जुटा पाये,
शायद दाग़ ए रंजिश, अभी हटाया न गया
दामन में समेंटे हैं मेरे हज़ार गीत लेकिन,
मेरा कोई तराना, उनसे गुन गुनाया न गया
किसको कातिल कहूँ क्या बताऊँ छोडो भी,
मगर गैरों से तो खंज़र, कभी उठाया न गया...
यकीं था मुझे अपने दिले नादाँ के वहम पर,
मगर हक़ीक़त से परदा, कभी हटाया न गया...

Mohabbat Mein Yun Barbaad Hue

अजीब था उनका #अलविदा कहना,,,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
कुछ यूँ बर्बाद हुए उनकी #मोहब्बत में !
कि लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं....