कांटे मुझे मिलते रहे, हमेशा ही यार की तरह
चुभन से मिलता रहा, दर्द भी प्यार की तरह
फूलों ने मुंह मोड लिया न जाने क्या सोचा,
मैने भी उन्हें भुला दिया, भूले करार की तरह
अफसोस कि उन्हें गम नहीं अपनी ज़फा का,
पर हमतो यूं ही लुट गए, उजडे बज़ार की तरह
मंझधार में अकेला छोड कर चले गये वो अपने,
और हम समझ बैठे उन्हें, इक पतवार की तरह
दुश्मनों ने निभाई दुश्मनी बड़ी ही शिद्दत से,
पर अपनों ने आंखे फेर लीं, गुनहगार की तरह..
तरसते थे जो हमेशा मिलने को कभी हमसे….
ना जाने क्यूँ आज मेरे #साये से भी वो कतराते है !!!
जब हम भी वही है और #दिल भी वही है,,,
ना जाने क्यूँ लोग #बदल जाते है..!!!
#Maut Ke Aagosh Mein Sone Ko Jee Karta Hai,,,
#Dil To Kho Diya Ab #Zindagi Khone Ko Jee Karta Hai...
Uski #Yaad Aati Hai Jab Bhi Mujhe Na Jane Kyon,,,
Kahin Pe #Tanha Baith Ke Rone Ko Jee Karta Hai.....