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Sabko aazma kar dekh liya humne

अपने ज़ख्मों को, सबसे छुपा कर देख लिया हमने
लबों पर झूठी मुस्कान, दिखा कर देख लिया हमने
इस ज़रा सी ज़िंदगी के बस ज़रा से सफर में दोस्तो,
न जाने किस किस को, आज़मा कर देख लिया हमने
अफसोस उनकी नज़रों में अब हमारा नहीं कोई वज़ूद,
उन मौका परस्त लोगों को, निभा कर देख लिया हमने
वैसे तो अपनी ख्वाहिश न थी शुर्खरू बनने की कभी,
फिर भी अपनी चाहतों को, मिटा कर देख लिया हमने...

Wo Bhi Bewafa Ho Gye

Meri Kalam Se Lafz Kho Gye Shayad,
Aaj Wo Bhi #Bewafa Ho Gye Shayad,

Jab Neend Khuli To #Palko Me Pani Tha.
Mere #Khwab Mujh Pe Hi Ro Gye Shayad....

Dil ke dard byaan karte hain

दिल के #दर्द न जाने क्या क्या बयाँ कर जाते है,
कभी #खामोश #चेहरा तो कभी #अल्फाज़ बयाँ कर #जाते है...
न चाहते हुए भी अपना दर्द हम बयाँ कर जाते है...
यूँ तो #दिल का दर्द छिपाते है सबसे हम,
पर हम उस #दर्द को भी बयाँ कर जाते है...

Tamanna nahi apna banane ki

ज़रूरत नहीं है, किसी को भी ज़ख्म दिखाने की
बड़ी ही दिल फरेब है नज़र, ज़ालिम ज़माने की
किसी को देख कर ग़मज़दा मुस्कराती है दुनिया,
अब तमन्ना न रही, किसी को अपना बनाने की
बिना मांगे मिल जाते हैं ग़म हज़ार दुनिया में,
पर न होती ख़्वाहिश पूरी, ज़रा सा प्यार पाने की
#ज़िंदगी में किसी के भरोसे की चाहत क्या करें,
अब नहीं बची है हिम्मत, किसी को आजमाने की...

Bewafa Ya Dhokhebaaz kahun

उनके लिये भला मैं, क्या अल्फाज़ कहूँ
उन्हें बेवफा कहूँ, या कि धोखेबाज़ कहूँ
तिल तिल मिटा दी ज़िंदगी जिनके लिये,
उन्हें मैं क़ातिल कहूँ, या कि दग़ाबाज़ कहूँ
जज़्बात उमड़ते रहे #दिल के अंदर सदा, पर
सोचता ही रहा मैं, कल कहूँ कि आज़ कहूँ
तमाम उम्र गुज़र गयी साहिल पे आते आते
इसे ज़िंदगी का अन्त कहूं, कि आगाज़ कहूं ?