Tune Nafrat Se Jo Dekha
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने #रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ...
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने #रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ...
वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन,
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले,
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था,
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले...
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती,
मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती !!!
ज़िन्दगी बिता दी मगर वो मोहब्बत नामिली
अपनों की बेरूखी से हमें कभी फुर्सत ना मिली
बस यूं ही गुज़र गयी ज़िन्दगी भागते दौड़ते
मगर कहीं पे सुकून की हमें वो दौलत न मिली
अफसोस लोगों ने जब कूड़ा समझ लिया तो
दुनिया के बाज़ार में हमें कोई कीमत न मिली
“मिश्र” देखते रहे यूं ही गुज़रे कारवां की गर्द
पर किसी के साथ जाने की वो हिम्मत न मिली
देख लिया गैरों को, हमने अपना बना के
लूट लिया हम को, हसीन सपना दिखा के
किस कदर रोता है दिल उनकी बेरुखी पे,
जब गुज़र जाते हैं वो, सर अपना झुका के
अब गिनते हैं तारे यूं ही रातों को जाग कर,
पाया क्या हमने, यूं ही दिल अपना जला के
उनकी ग़लतफ़हमी का ज़रा आलम तो देखो,
खुश हैं कितने, किसी ओर को अपना बना के