मेरी #मौत पर, आंसू बहाने मत आना
लोगों को झूठा ग़म, दिखाने मत आना
उम्र भर तरसते रहे जिस अपनेपन को,
खुदाया बाद मरने के, जताने मत आना
तडपेगी आत्मा तुम्हारे मुखौटे देख कर,
ख़ुदा के वास्ते, फिर से सताने मत आना
सो जाने दो चैन से अब तो हमें,
हमारी आखिरी नींद है, जगाने मत आना...
हमें आसमां के सितारे, अब नहीं चाहिए
हमें समंदर के किनारे, अब नहीं चाहिए
डूबती है कश्ती तो डूब जाये अच्छा ही है,
हमको पतवार के सहारे, अब नहीं चाहिए
बाहर की दुनिया न रही जीने लायक अब,
हमें चाहत के झूठे इशारे, अब नहीं चाहिए
क्या मिला हमें झूठी तसल्ली के नाम पर,
हम को झूठ के झूठे सहारे, अब नहीं चाहिए
बेरहम दुनिया में कैसे जी पाओगे ?
हम को जीने के बहाने, अब नहीं चाहिए
एक टीस है दिल में, जिसे ज़माने से छुपाये बैठा हूँ
किसी की ज़फ़ाओं का सदमा, दिल में बसाये बैठा हूँ
गर चर्चा भी करूँ तो रो देता है ये नादान दिल,
कहीं हो न जाये वो बाग़ी, उसको मैं बहलाये बैठा हूँ
पता है कि चाँद सितारे न आएंगे जमीं पर कभी,
मैं फिर भी उन्हें, तोड़ लाने की ज़िद बनाये बैठा हूँ
न समझ लेना कि मैं इक पागल दीवाना हूँ कोई,
मैं तो पूरे होश में, #मोहब्बत का दीया जलाये बैठा हूँ
लगता है कि ज़िन्दगी यूं ही गुज़र जाएगी,
फिर यूं ही किस के वास्ते, झूठी आस लगाये बैठा हूँ...
किसी की बेवफाई पे, दिल हर पल लरजता है
चेहरे पर मुस्कान, पर अंदर तूफ़ान मचलता है
कोई देखे #दिल चीर के तो पता चले यारों को,
उसके हर कोने में, उसका ही अक़्स झलकता है
न माँगा ज़िन्दगी में कुछ अपने लिए ख़ुदा से,
दिल है की बस, उसकी ख़ुशी के लिए तड़पता है
नफरतों की बस्ती में ज़रा से प्यार की खातिर,
इस नादान दिल को, ज़माना बेभाव झिडकता है
अब कहाँ उड़ गए वो #मोहब्बत के परिंदे,
प्यार के उपवन में, हर डाली का दिल सिसकता है
तेरे साथ कितनी थी हसीन ज़िंदगी
अब तेरे बिन है ये एक सज़ा ज़िंदगी
तेरा साथ था कितने मज़े में थे हम
अब तेरे बिन है बड़ी बेमज़ा ज़िंदगी
तूने ही संवारा था कभी जतन से इसे
खुद ही क्यों उज़ाड़ दी बेवजह ज़िंदगी
हमने तो तुझ में हमेशा ही देखा ख़ुदा
उसने ही बना के क्यों मिटा दी ज़िंदगी ?