उनके लिए #दिल को, जलाना हमें आता है
उनके दुःख दर्द को, अपनाना हमें आता है
उनकी ख़ुशी में ही ढूंढते हैं हम अपनी ख़ुशी,
अपने उदास चेहरे को, छुपाना हमें आता है
हम तो घिर गए हैं रेत के समंदर में दोस्तो,
ग़म नहीं यारो, रेत से घर बनाना हमें आता है
प्यार का संगीत न गूंजा तो क्या हुआ ?
मगर दर्द ए दिल का गीत, गाना हमें आता है...
बेवफाओं स वफ़ा की, ख्वाहिश भला क्या कीजे
उनके सामने दिल की, नुमाइश भला क्या कीजे
जिन्हें मिल जाता है रोज़ ही नया दौलत वाला,
उनसे मोहब्बतों की, फरमाइश भला क्या कीजे
जिनकी फितरत को देखा है ज़िन्दगी भर हमने,
फिर से उनके झूठ की, अजमाइश भला क्या कीजे
नहीं है अब हमें किसी मंज़िल की तलाश,
न जाना है जिस राह पर ,पैमाइश भला क्या कीजे...
ढूंढते हैं बहुत मगर, कोई काबिल नहीं मिलता
पत्थर मिलते हैं बहुत, मगर #दिल नहीं मिलता
कश्तियाँ तो बहुत हैं इस #मोहब्बत के दरिया में,
पर भंवर में फंस कर, कभी साहिल नहीं मिलता
इस बुतों की दुनिया में ज़ज़्बात की कीमत नहीं,
हो जाता है खूने दिल, मगर क़ातिल नहीं मिलता
अब नामुमकिन है पहचानना इंसान को,
है चेहरे पर #मुस्कान, मगर हाले दिल नहीं मिलता...