न जाने इस जुबां पे, वो दास्तान किसके हैं,
दिल में मचलते हुए, वो अरमान किसके हैं ?
सोचता हूँ कि खाली है #दिल का हर कोना,
मगर यादों के आखिर, वो तूफ़ान किसके हैं ?
मैं तो खुश हूँ कोई गम नहीं मुझको दोस्तों,
पर दिल में बसे, वो ग़मे अनजान किसके हैं ?
लगता है कि तन्हा ही गुज़र जाएगी #ज़िंदगी,
पर दिल में जो बैठे हैं, वो मेहमान किसके हैं ?
मानता हूँ कि न चला कोई भी साथ दूर तक,
पर सजा रखे हैं, वो साजो सामान किसके हैं ?
दिखता तो ऐसा है कि बस बेख़बर हैं,
पर चेहरे पे उभरे, वो गम के निशान किसके हैं ?
आज तो भरे बाज़ार में, वफ़ा नीलम हो गयी !
बस देखते ही देखते, #ज़िन्दगी बेनाम हो गयी !
कल तक फ़रिश्ते थे जिनकी निगाहों में हम,
उनकी वफ़ा बिक कर, किसी के नाम हो गयी ! #इश्क़ के बाज़ार में शिकवा भला किस से करें,
अब तक जो पीर दिल में थी, वो आम हो गयी !
हम समझ लेंगे मगर कोंन समझाए दिल को,
जिसकी सालों की इबादत, ऐसे नाकाम हो गयी !
अजीब खेल है #मोहब्बत का मत खेलिए,
जिसने भी इसे खेला, ज़िंदगी शमशान हो गयी !
ये दुनिया तो आखिर, हम छोड़ जाएंगे,
मगर चाहतों को, बदस्तूर छोड़ जाएंगे !
जिन्दा थे तो #याद करते रहे उनकी हम,
मगर ये काम अब, उन पे छोड़ जाएंगे !
हम तो चले जाएंगे गर्दिशों से दूर मगर,
ज़िन्दगी में उनकी भी, कई मोड़ आएंगे !
ये रूह भी देखेगी अब उनके वफ़ा के रंग,
यादों में रहें न रहें, निशानी छोड़ जाएंगे !
जीते जी का तमाशा है ये #ज़िन्दगी,
मरने के बाद तो, सभी नाता तोड़ जाएंगे !
तमन्नाओं को लोग, पूरा होने नहीं देते,
खुशियों के बीज वो, कभी बोने नहीं देते...
क्यों कर रुलाता है सब से ज्यादा वही,
जिसको कभी भी हम, यूं रोने नहीं देते !
हम तो टूटने के लिए बेक़रार हैं लेकिन,
दुनिया वाले फिर से, एक होने नहीं देते !
ज़फ़ाओं का तूफ़ान मचलता है जब कभी,
तो बर्बादियों के निशाँ, हमें सोने नहीं देते !
बुरा बनता है वही जो लुटाता है सब कुछ,
खुश हैं वो जो, अठन्नी भी खोने नहीं देते !