Page - 31

Gam De Gya Humko

जाते जाते भी तो वो, हज़ार ग़म दे गया हमको,
यूं ही मर मर के, जीने की #कसम दे गया हमको !
बसाया था मन में उसे एक हसीं फूल समझ कर,
मगर #ज़िन्दगी में, खारों सी चुभन दे गया हमको !
दो पल की ज़िंदगी भी न जी सके कभी प्यार से,
बहारें छीन कर वो तो, उजड़ा चमन दे गया हमको !
सोचते रहे कि कभी तो बहेंगी ठंडी हवाएं,
मगर ज़िन्दगी भर की, वो तो जलन दे गया हमको !

Rishton ki dor kamzor kyun

Rishton ki dor kamzor kyun hai ?
khwahisho ki patang bina dor kyun hai,
#Mohabbat hai humein unse bepanah,
Fir unki #Zindagi main koi aur kyun hai...

Dil kyon tod dete hain

जाने क्यों लोग, किसी का दिल तोड़ देते हैं,
अपनों से नाता तोड़ के, गैरों से जोड़ लेते हैं !
ज़रा सा भी दर्द नहीं होता दिलों में उनके,
कि बिना शर्मो हया, के वो मुख मोड़ लेते हैं !
कोई तो खो देता है सब कुछ प्यार में उनके,
पर वो फ़रामोश, याद करना भी छोड़ देते हैं !
यादों के सहारे जिए भी तो कोई कैसे जिए,
लोग उनमें भी अब, सुलगते शोले छोड़ देते हैं !
ख़ुदाया अब #प्यार भी बिकने लगा है ,
दौलत के वास्ते लोग, गरीब को छोड़ देते हैं !
 

Tumhare Chehre Pe Gam

तुम्हारे चेहरे पे, रंजो ग़म अच्छे नहीं लगते,
हमको गुलों के संग, खार अच्छे नहीं लगते !
तू कहे तो चले जायेंगे तेरी नगरी से मगर,
इतना भर कह दो, कि हम अच्छे नहीं लगते !
जो कहना है सामने बयां कर दो तो अच्छा,
पीठ पीछे तीर चलाने, हमें अच्छे नहीं लगते !
कभी बेचैन रहते थे जो हमारे दीदार के लिए,
अब तो हमारे साये भी, उन्हें अच्छे नहीं लगते !
ये #ज़िन्दगी हमारी है जी लेंगे जैसे भी ,
मगर लोगों के बीच चर्चे, हमें अच्छे नहीं लगते !

Zindagi door ho gayi

जीना चाहा तो ज़िन्दगी, दूर होती चली गयी !
कमाल ये कि हर शै, मजबूर होती चली गयी !
चाहने न चाहने से कुछ भी नहीं हुआ करता,
जिस चीज़ को भी चाहा, दूर होती चली गयी !
समझते थे हम दुनिया #महफ़िल है खुशियों की,
पर वक़्त के साथ वो भी, क्रूर होती चली गयी !
पागल थे हर किसी पर जान छिड़कते रहे हम,
पर दिल की मज़बूरी, मजबूर होती चली गयी !
अपनाया जिसने चाहा मतलब के लिए,
हमारे लिए तो #दोस्ती, दस्तूर होती चली गयी !