दुनिया के सारे ग़म को, दिल में समां लिया मैंने
एक फूल से दिल को भी, पत्थर बना लिया मैंने
ये सोच कर कि शायद मुकद्दर कभी तो जागेगा,
जमाने की ख़लिश को भी, अपना बना लिया मैंने
गुज़र जाता है खुशियों का उजाला बिना छुए मुझे,
ये नसीब था कि अंधेरों को, अपना बना लिया मैंने
कभी न भूल पाया मैं दिल से वो गुज़रे हुए लम्हात,
मगर फिर भी इस ज़माने को, गले लगा लिया मैंने
सोचता हूँ कि ज़िंदगी में शायद कुछ भला हो दोस्तो,
इसी की आस में दुश्मन को, दोस्त बना लिया मैंने...
हम तो अपनों को, अपना संसार समझ बैठे,
उन्हें ज़िन्दगी की नैया का, पतवार समझ बैठे !
रफ़्ता रफ़्ता फंसते गए हम उनके कुचक्र में,
हम तो उसी को ख़ुशी का, बाज़ार समझ बैठे !
कैसी हैं फितरतें उनकी न समझ पाये हम,
ज़ख्म देने पर भी उनका, इख़्तियार समझ बैठे !
पागल थे कि न समझे मन की गांठों को हम,
उनकी अदा को उल्फ़त का, इज़हार समझ बैठे !
भूल ही गए कि औकात बदल गयी है दोस्तो,
हम तो यूं ही उन पे, अपना अधिकार समझ बैठे !
Jeena mushkil tere bina kuch aisa ho gya
Kya kru ishq kiya nhi bus ho gya
Raha nhi jata ek lamha bhi tere bina ..
Tere bin ek pal bhi nikalna mushkil ho gya ..
Lga tha paa lunga tujhe sari zindagi ke liye..
Par tujhe kuch pal ke liye
pana naamumkin sa ho gya..
अब दिल के ज़ख्म, फिर हरे होने लगे हैं !
हम ग़मों से अब, फिर लवरेज़ होने लगे हैं !
देख कर काली घटाओं का ये सुहाना मौसम,
अब दिल के आँगन में, फसाद होने लगे हैं !
जाग कर गुज़ार दीं जिनके लिए कितनी रातें,
अफ़सोस कि वो, किसी और के होने लगे हैं !
टूटे हुए दिल को अब भला कैसे संभालें दोस्त ,
उसके तो सारे ख़्वाब, अब तमाम होने लगे हैं !
कभी तो चाँद आसमान से उतरे और आम हो जाये,
तेरे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाये,
अजीब हालात हुए कि #दिल का सौदा हो गया, #मोहब्बत की हवेली जिस तरह नीलम हो जाये,
मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा,
क्योंकि नहीं चाहता कोई मेरे लिए #बदनाम हो जाये,
उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो,
जाने किस गली में #जिंदगी की शाम हो जाये...