Gaanv se shehr aaya
गांव छोड़ के शहर आया था,
फिक्र वहां भी थी फ़िक्र यहां भी है,
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वहां 'फसलें' खतरे में थीं,
यहां 'नस्लें' खतरे में है !!!
गांव छोड़ के शहर आया था,
फिक्र वहां भी थी फ़िक्र यहां भी है,
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वहां 'फसलें' खतरे में थीं,
यहां 'नस्लें' खतरे में है !!!
बचपन से लेकर आज तक।
गरीबी से लेकर अमीरी तक।।
जिंदगी के यहीं सिलसिले मिले।
अनाथालय में बच्चे गरीबों के मिले
वृद्धाश्रम में बुजुर्ग अमीरों के मिले...!!!
चलो कुछ पुराने #दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं !
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं !
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं !
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं !
या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं !
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !!!