ये ज़िन्दगी ऐसी भी होगी, ये कभी सोचा न था
हो जाएंगे यूं अपने पराये, ये कभी सोचा न था
कभी इठलाती थीं तितलियाँ गुलशन में मेरे,
खा जाएँगी उसको खिज़ाएँ, ये कभी सोचा न था
जाते हुए पैरों की आहटें सुनते रहे हम गुमसुम,
न देखेगा एक बार मुड़ कर, ये कभी सोचा न था
क्या होती है हद ज़फ़ाओं की पता न था हमको,
पर बन जायेगा वो अजनबी, ये कभी सोचा न था
बिना लिबास आये थे हम इस दुनिया में "मिश्र",
उस की चाह में इतना सफर, ये कभी सोचा न था...
जिनके लिए ज़िन्दगी, तार तार करते रहे
वो हमारे दिल से सिर्फ, व्यापार करते रहे
गैरों ने भी न चाहा कि न रहें हम दुनिया में,
मगर वो हमारी मौत का, इंतज़ार करते रहे
पता न था कि #प्यार की भी कीमत होती है,
हम तो मुफ्त में ही #दिल, बे क़रार करते रहे
आरज़ू न थी कि अपने दर्द बताएं किसी को,
चुपचाप ग़मों का दरिया हम, पार करते रहे
या ख़ुदा क्या मिला तुझे हमें ज़मीं पै लाकर,
हम तो #ज़िन्दगी भर जीने का, इंतज़ार करते रहे
चरागों का रात भर जलना, हमें अच्छा नहीं लगता
किसी का यूं कलेजा फूंकना, हमें अच्छा नहीं लगता
क्यों विवस करते हैं लोग किसी को जलने के लिए,
यूं रात भर तारों का गिनना, हमें अच्छा नहीं लगता
फूलों के साथ काँटों को क्यों लगा दिया तूने ख़ुदा,
इस तरह काँटों का चुभना, हमें अच्छा नहीं लगता
आये थे इस दुनिया में मुस्करा कर जीने के लिए,
पर इस तरह रो रो के जीना, हमें अच्छा नहीं लगता
हम खुद तो सह सकते हैं हज़ारों रंज़ो गम लेकिन,
किसी और का दिल दुखाना, हमें अच्छा नहीं लगता
Tanhai Ka Usne Manzar Nahi Dekha,
Afsos Ki Mere Dil Ke Andar Nahi Dekha,,
Dil Tootne Ka Dard Wo Kya Jane,,,
Wo Lamha Usne Kabhi Ji Kar Nahi Dekha...!!!