एक टीचर ने मजाक में बच्चो से कहा
जो #बच्चा कल #स्वर्ग से मिट्टी लायेगा,
मैं उसे #इनाम दूँगी..!
अगले दिन #टीचर क्लास में सब बच्चों से पूछती है.
क्या कोई बच्चा मिट्टी लाया?
सारे बच्चे #खामोश रहते हैं...
एक बच्चा उठकर टीचर के पास जाता है और कहता है,
लीजिये मैडम, मैं लाया हूँ स्वर्ग से मिट्टी..!
टीचर उस बच्चे को डांटते हुए कहती है;
मुझे बेवकूफ़ समझता है..कहाँ से लाया है ये मिट्टी..?
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रोते रोते बच्चा बोला - "मेरी माँ के पैरों के नीचे से" _/\_
जिस बस्ती में अंधे रहते हों वहां आईनों की जरूरत कोई नहीं
जो लाठी से डगर को पहचाने वहां समझाने की जरूरत कोई नहीं
जो जीते और मरते अपने लिये वहां मुहब्बत की जरूरत कोई नहीं
जो मन का उजियारा ना चाहे वहां उपदेशों की जरूरत कोई नहीं
आलू प्याज छाटने में हम, कितना वक्त लगाते हैं
सब्जी मॅंडी में घूम घूम कर, छाट के सब्जी लाते हैं
पर क्या कारण है नेताओं की, परख नहीं हम करते
क्यों उनको सब्जी की तरह, छाट के अलग नहीं करते
जिस प्रकार इक सड़ा टमाटर, सब्जी का भाग नहीं होता
उसी तरह इक कुटिल आदमी, देश का भाग्य नहीं होता
बस इतनी सी बात समझ कर,गर जनता जागरूक होती
तो कभी स्वदेश की माली हालत, इतनी कुरूप नहीं होती