ये रंगों और उमंगों का, त्यौहार है होली
गैरों को दोस्त बनाने का, त्यौहार है होली
होली में ही जल जाती हैं, कटुता की बातें,
मन के मैल मिटाने का, त्यौहार है होली
मन भ्रम दूर भगाने का, त्यौहार है होली
दिलों का मेल कराने का, त्यौहार है होली
दिल में बहती हैं बस खुशियों की धारा,
रँगों और गुलालों का तो, एक बहाना है होली
अपना घर छोड कर, ठिकाना सीमा पर बना लिया
अपनी भी माता है मगर, भारत को माता बना लिया
दुश्मनों से महफूज़ रहे हमारा वतन,
सो जान हथेली पै रख, देश को ईमान बना लिया
सज्जन दौड़ रहा है इज़्ज़त बनाने के लिये
तो दुर्जन दौड़ रहा है कुचक्र चलाने के लिये
कुछ लोग दौड़ रहे हैं रोटी कमाने के लिये
कुछ लोग दौड़ रहे हैं रोटी पचाने के लिये
चोर दौड़ रहा है कहीं माल छिपाने के लिये
तो सिपाही दौड़ रहा है फ़र्ज़ दिखाने के लिये
कोई दौड़ रहा है अपनी सेहत बनाने के लिये
तो कोई दौड़ रहा है मोटापा घटाने के लिये
हर कोई दौड़ रहा है अपने हिस्से की दौड़,
या कुछ पाने के लिये या कुछ गंवाने के लिये