Zindagi Se Hazaron Shikwe
हज़ारों शिकवे हैं ज़िन्दगी से,
किसी और से क्या शिकवा करें,
ग़म इतने रास आने लगे अब,
किसी और से ज़िकर क्या करें...
हज़ारों शिकवे हैं ज़िन्दगी से,
किसी और से क्या शिकवा करें,
ग़म इतने रास आने लगे अब,
किसी और से ज़िकर क्या करें...
आँखें मिलने पर कभी नज़रे झुकाते थे,
वो आज हमसे नज़रें चुराने लगे हैं,
खंडर हो चूका हमारे सपनों का मकां,
और वो महलों में घर सजाने चले हैं.😢
मेरी ज़िंदगी एक बंद किताब 📗 है,
जिसे आज तक किसी ने खोला 📖 नहीं,
जिसने भी खोला उसने पढ़ा नहीं,
जिसने पढ़ा उसने समझा नहीं,
और जो समझ सका वो मिला नहीं 😞
Ajnabiyon ke liye
apni muskaan ko
khoya nahin jata,
Bewafa logon ke liye
sari sari raat
roya nahi jata...