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Dard Kitna Khushnaseeb

#दर्द कितना खुशनसीब है
मिलते ही अपनों की याद दिलाता है,
#दौलत कितनी बदनसीब है
मिलते ही लोग अपनों को भूल जाते हैं !!!

Zamane Se Chipkar

कोने में सिमटकर सोना चाहता हूँ,
जमाने से छिपकर रोना चाहता हूँ;
तुम्हें भुलाने की ऐसी जिद पकड़ी है,
जबरदस्ती किसी का होना चाहता हूँ !!!

Problems in Life

जीवन में "परेशानियां"
चाहे जितनी भी बड़ी हो
"चिंता" करने से और
"बड़ी" हो जाती है,
...✍️
"खामोश" होने से काफी
"कम" हो जाती है,
...✍️
"सब्र" करने से
"खत्म" हो जाती है, तथा
...✍️
"परमात्मा का "शुक्र" करने से
"खुशियो" में बदल जाती हैं
🙏

Teri Raah Takte Takte

तकते तकते राह तेरी, यारा शाम हो गयी
आँखों की रौशनी भी, अब तमाम हो गयी
न दिखी कोई मूरत हमें, दूर दूर तलक भी,
मुफ्त में अपनी मोहब्बत, बदनाम हो गयी
लोग हँसते रहे देख कर, यूं तड़पना हमारा,
पर ये ज़िन्दगी फिर भी, तेरे नाम हो गयी
अभी सताना है कितना, बस बता दे इतना,
अब तो ये जुबाँ भी हमारी, बेजुबान हो गयी
हम भी जानते थे कि, मोहब्बत खेल नहीं है,
न जाने कितनों की ज़िंदगी, क़ुर्बान हो गयी
यादों के पन्ने ही, बस पलटते रह गए,
पर उधर उल्फ़त की बगिया, वीरान हो गयी

Zindagi uljhanon ka shikar

हमने ज़िंदगी को, उलझनों का शिकार बना दिया
लोगों ने अपने कुसूर का भी; गुनहगार बना दिया

कभी ख़्वाहिश न थी कि किसी पे भार बन जाऊं,
मगर ज़िन्दगी की राहों ने, मुझे लाचार बना दिया

न समझ पाया मैं तो इस बेरहम दुनिया की बातें,
मुझे तो मतलब से भरे रिश्तों ने, बेज़ार बना दिया

अपनी इज़्ज़त को बचा के रखा था मैंने जाने कैसे,
पर मेरी तो हर चीज़ को यारों ने, बाजार बना दिया

होता है मुझे अफ़सोस देख कर ज़माने की ये चालें,
कभी तो थे हम सभी कुछ, अब ख़ाकसार बना दिया

सच है कि ज़िंदगी में थोड़ी सी खटपट तो लाज़िम है,
मगर लोगों ने छोटी ख़राश को भी, दरार बना दिया

वो भी इक जमाना था कि सभी साथ होते थे घर पर,
अब मिलन को भी अपनों ने, लंबा इंतज़ार बना दिया

हमने क़रीब से देखे हैं "मिश्र" इस दुनिया के रंग ढंग,
मगर कुछ ने तो इस जमाने को, शर्मसार बना दिया