अय #ज़िन्दगी तू ही बता, तेरा क्या हवाल है
गर पूंछना है तो तू पूंछ ले, तेरा क्या सवाल है
घर से चला था तो सिर्फ कपडे थे तन पर,
खोया है क्या तूने भला, इतना क्या मलाल है
खुद ही देखे थे वो सपने जो न थे तेरे कभी,
नादानियां थीं तेरी ही, औरों की क्या मज़ाल है
क्यों बना डाले थे तूने मोह के ये जाल इतने,
फंस गयी तू खुद ही उनमें, इसमें क्या बवाल है
तू अकेली नहीं है पागल दुनिया में अय जिंदगी,
मिल जाएंगी हज़ारों, भला इनका क्या अकाल है
सच है कि न जीते हम जिंदगी हिसाब से,
#गुनाह तो अपना है भला औरों से क्या मलाल है