हमने हार के भी गैरों के दिल जीते हैं
औरों के दिये ग़म पानी की तरह पीते हैं..
ख़ैरात में मिले दर्द साथी हैं हमारे,
फिर भी हम ज़िंदगी मुस्करा के जीते हैं

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