जुगनुओं की रोशनी से, अँधेरा हटा नहीं करता,
कभी शबनम की बूंदों से, दरिया बहा नहीं करता !
भले ही फंस जाये दुष्टों की चालों में इंसान कभी,
मगर कभी सच के सामने, झूठ टिका नहीं करता !
गर #ज़िन्दगी में गम नहीं तो जीने का मज़ा क्या,
सिर्फ खुशियों के नाम पर, वक़्त कटा नहीं करता !
उम्र गुज़र जाती हैं किसी का इंतज़ार करते करते,
मगर #मोहब्बत में आशिक़, पीछे हटा नहीं करता !
आईने के सामने कितना ही मुंह बनाइये,
पर उसके सामने कभी, कोई दाग छुपा नहीं करता

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