जिंदगी में कुछ #दोस्त खास बन गये
मिले तो #मुलाकात और बिछड़े तो #याद बन गये :(
कुछ दोस्त धीरे धीरे फिसलते चले गये
पर जो #दिल से ना गये वो #आप बन गये
कभी #खुशी की आशा, कभी #गम की निराशा,
कभी खुशियों की #धूप, कभी हक़ीक़त की #छाया,
कुछ खोकर कुछ पाने की #आशा,
शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा…

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