किसी अज़नबी को, अपना बनाने की ज़िद न करो
किसी और की अमानत को, पाने की ज़िद न करो
रहते हैं प्यार के लुटेरे इस इलाक़े में मेरे दोस्त,
लुट जाओगे प्यार में, उधर जाने की ज़िद न करो
जो फंस गये खुद व खुद गुनाहों के दल दल में,
खुद को फंसा कर, उनको बचाने की ज़िद न करो
ज़िंदगी के सफर में सीधी राह भी पाती है मंज़िल,
टेढ़ी राहों पै चल के, मंज़िल पाने की ज़िद न करो...