हमने जो वादा किया वो ज़िंदगी भर निभाते हम
हर मोड़ पर उनकी खिदमत में नज़र आते हम
पर बीच मंझधार में हाथ क्यों छोड़ दिया,
पहले इशारा किया होता दुनिया ही छोड़ जाते हम

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