चेहरे पे ग़म, दिल में रुसबाइयां दे गया कोई !
जाते जाते भी, आँखों में रुलाइयां दे गया कोई !
हम अपने दिल को यूं किस तरह संभालें दोस्तो,
हमें तो ज़िन्दगी भर की, तन्हाईयाँ दे गया कोई !
खुशियों से लबरेज़ थी यारो ये ज़िन्दगी हमारी,
पर जाते हुए हमें, दर्द की गहराइयाँ दे गया कोई !
यूं ही भटकते रहे हम इस फरेबों की दुनिया में,
मगर हमें #ज़िन्दगी की, सच्चाइयाँ दे गया कोई !
दुनिया में कोई भी दुश्मन पैदा नहीं होता,
बनाते हैं उन्हें हम, इसकी गवाहियाँ दे गया कोई !