अपनी ज़िन्दगी हम, यूं ही बसर कर लेंगे,
अपने दिल में हम, उनके अज़ाब भर लेंगे...
न होने देंगे जमाने में उनको हम पशेमां,
दुनिया से दूर हम, अपना बसेरा कर लेंगे...
आसमां से तारे तोडना तो बस में नहीं था,
मगर हाँ खुशियों का हम, इंतज़ाम कर लेंगे...
#ज़िन्दगी कभी सपनों के सहारे नहीं चलती,
हम असलियत की रौशनी में, गुज़र कर लेंगे...
झूठे सपने दिखा कर प्यार नहीं मिला करता,
जी लेंगे सुकून से, अपने हुनर पे सब्र कर लेंगे...
खोखले वादों से तसल्ली नहीं मिलती है,
मिल कर चले साथ तो, पूरा सफ़र हम कर लेंगे...