लाख टके की बात –

कोई नही देगा साथ तेरा यहाँ,
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
#जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है..!!
तुझे गिरना भी खुद है,
और संभलना भी खुद है..!!!

तू छोड़ दे कोशिशें,
इंसानों को पहचानने की…!!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से,
सब बदलते #नकाब हैं…!!
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर,
हर शख़्स कहता है,
“ज़माना बड़ा ख़राब है”

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