ये नाम किस के लिए, बदनाम किस के लिए,
ज़रा सी ज़िन्दगी है, अभिमान किस के लिए !
पल का भी न भरोसा है किसी की ज़िंदगी का,
तो फिर वर्षों के लिए, इंतज़ाम किस के लिए !
माना कि तोड़ा है दिल तुम्हारे अपनों ने दोस्त,
पर लेते हो अपने दिल से, इंतक़ाम किस के लिए !
नहीं मानता है तुम्हारा अहसान कोई भी अब ,
फिर आफ़त में फंसाते हो, जान किस के लिए !

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