हमने तो मांगा था ज़रा सा सुकून उनसे,
उल्टा वो एक नया ज़ख्म देकर चले गये
कल आबाद थे तो आँखों के नूर थे हम,
आज मुफ़लिसी का ताना देकर चले गये
मेरा बदहाल तो छूत की बीमारी बन गया,
अपने भी मुझसे पीछा छुड़ा कर चले गये
ये कैसा सितम है वक़्त के मारों पर
जो #दिल में थे वही दिल जला कर चले गये !!!