तेरा रूप चमन की खुशबू, यहाँ भंवरों की कोई कमी नहीं
पर वफा नहीं इन भंवरों में, यहां फूलों की कोई कमी नहीं
एक दिन जब पतझड़ आएगा, और तेरा चेहरा कुम्हलायेगा
कोई नहीं देखेगा तुझको और कोई भंवरा गीत न गायेगा
तब याद करोगे इस पगले को, जो दिल में तुझे सजाता है
हर रोज़ तुम्हारी चाहत में, वो अपना घर द्वार सजाता है
आज भी मेरा प्यार वही है, इसमें रंचित कमी नहीं आई
दिल में प्यार का राग गूंजता, इसमें भी कमी नहीं आई
दिल के द्वार खुले हैं हर पल, आना चाहो तो आ जाओ
ये जीवन तेरे नाम कर दिया, अपना समझो तो आ जाओ