माथे की सलवटों से, ग़मों को हटाना सीखो !
खुश रहो खुद भी व, औरों को हँसाना सीखो !
न आएगा कोई तुम्हारे ग़मों में होने शरीक़,
उलझनों को अपनी, खुद ही सुलझाना सीखो !
होगा क्या हासिल तुम्हें तन्हाइयों में बैठ कर,
यारा दुनिया की मुश्किलों से, टकराना सीखो !
ये जो दिल है उस पे न चलता बस किसी का,
इससे पहले कि बहक जाए, उसे मनाना सीखो !
ये अजीब दुनिया बदलती है रंग हज़ारों ,
अपनी #ज़िन्दगी के रंग, खुद सजाना सीखो !

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