कुछ यार पुराने रूठ गए
मिलने के वादे टूट गए
ऐसा मुकद्दर मिला हमें,
अंदर से बिलकुल टूट गए
ईमान नहीं है लोगों में,
अपना बन कर लूट गए
अपनों ने वो रंग दिखलाये,
सब नाते रिश्ते छूट गए
जो देखे थे हमने वचपन से,
वो ख्वाब सुहाने टूट गए
हम जिनके दिल में रहते थे,
वो #दिल भी हमसे रूठ गए
“मिश्र” नहीं कुछ पता आज,
क्यों दिल के छाले फूट गए...

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