गले से ग़मों को न लगाएं तो क्या करें
यूं रात दिन आंसू न बहाएं तो क्या करें...
उन्हें अंधेरों से सख्त नफ़रत है दोस्तों,
अगर #दिल अपना न जलाएं तो क्या करें...
जुर्म किया है कि #मोहब्बत कर बैठे हम,
अगर उसे दिल से न निभाएं तो क्या करें...
हमें #गम नहीं कि वो #बेवफा हो गए,
अगर हम भी वफ़ा न निभाएं तो क्या करें...