वादा कर लेते हैं, निभाना भूल जाते हैं
लगाकर आग बुझाना भूल जाते हैं
ये तो आदत हो गई है अब उनकी रोज़
कि रुलाते हैं और मनाना भूल जाते हैं.... :( :'(

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