उनकी याद में हम मरते रहे उम्र भर
कभी रोते तो कभी हंसते रहे उम्र भर
बेचैन #दिल में तूफान उठते रहे
दर्द की बेरुखी हम सहते रहे उम्र भर
भूलने की कोशिश बेइंतिहां की
पर यादों के पिटारे खुलते रहे उम्र भर
ज़िंदगी से रोशनी कहाँ खो गयी
बस अंधेरों में हम भटकते रहे उम्र भर
उनके दिये ज़ख्म यूं ही रिसते रहे
और हम उनको ही सहलाते रहे उम्र भर...
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