
तमन्ना है मेरी कि, उनका गुनहगार बन जाऊं
उनके #गुलशन का, गुल न सही खार बन जाऊं
मैं काम का नहीं उनके तो कोई बात नहीं पर,
चाहत है, उनकी #नफ़रत का शिकार बन जाऊं
मेरी #इज़्ज़त मेरा ईमान तो उन्हीं से है दोस्तो,
मन है कि, उनके ग़मों का हिस्सेदार बन जाऊं
उनकी ख़ुशी में छुपी हैं मेरी भी सारी खुशियाँ,
हसरत है, उनकी खुशियों का पहरेदार बन जाऊं
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