उदास हैं मेरी शाख के हर फूल
बहार वक़्त की मोहताज है,
गिला करूँ भी तो कैसे करूँ उससे
मेरे हर गिले से "कौशिक" उसे ऐतराज़ है .. :(
उदास हैं मेरी शाख के हर फूल
बहार वक़्त की मोहताज है,
गिला करूँ भी तो कैसे करूँ उससे
मेरे हर गिले से "कौशिक" उसे ऐतराज़ है .. :(