तुम्हें महफिलों में भी, तन्हाई नज़र आयेगी
अंधेरों में तुम्हें, हमारी तस्वीर नज़र आयेगी
आज मेरी कोई जगह नहीं तुम्हारे पहलू में,
जब न रहेंगे हम, तब कीमत नज़र आयेगी...
तुम्हें महफिलों में भी, तन्हाई नज़र आयेगी
अंधेरों में तुम्हें, हमारी तस्वीर नज़र आयेगी
आज मेरी कोई जगह नहीं तुम्हारे पहलू में,
जब न रहेंगे हम, तब कीमत नज़र आयेगी...