टूटे हुए दिल को, संभलने की आस क्या रखिये
कितना खोया है #ज़िंदगी में, हिसाब क्या रखिये
चेहरे पे ग़म बिठा कर क्या मिलेगा दोस्तो,
अपने अज़ाब अपने हैं, औरों को उदास क्या रखिये...
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टूटे हुए दिल को, संभलने की आस क्या रखिये
कितना खोया है #ज़िंदगी में, हिसाब क्या रखिये
चेहरे पे ग़म बिठा कर क्या मिलेगा दोस्तो,
अपने अज़ाब अपने हैं, औरों को उदास क्या रखिये...