होती हर किसी पे दौलत, तो जाने क्या होता,
हो जाती चाहतें सब पूरी, तो जाने क्या होता !
किसी के #दिल में है क्या न जानता कोई भी,
उसका मन भी पढ़ सकते, तो जाने क्या होता !
मुंह सीं के जी लिए इस दुनिया में हम तो यारो,
गर हमारी भी जुबां चलती, तो जाने क्या होता !
सर झुका के रहे तब तो उठाईं जिल्लतें इतनी,
गर सर उठा कर चलते हम,तो जाने क्या होता !
बामुश्किल मिली है मंज़िल चलके सीधी राहों पे,
गर हम भी चलते चाल टेढ़ी, तो जाने क्या होता !
एक ख़ुदा नचाता है दुनिया को इशारों पे अपने,
अगर सब के सब ख़ुदा होते, तो जाने क्या होता !
कई बार सोचा है ख़ुदा बन कर हमने भी दोस्त,
अगर हम न रहते दुनिया में, तो जाने क्या होता !!!