फिर न सिमटेगी ज़िंदगी गर बिखर जायेगी
ये कोई रात नहीं जैसे भी हो गुज़र जायेगी
थाम लो उसका हाथ जो ख़ुशी दे सके तुम्हें
वर्ना ये ज़िन्दगी बस रो रो के गुज़र जायेगी
बस चलते रहो इस जमाने के साथ मिल कर
वर्ना तो कहानी ज़िंदगी की यहीं ठहर जायेगी
रिश्तों पर विश्वास करना सीख ले ऐ दोस्त
मुझे भरोसा है कि तेरी क़िस्मत सँवर जायेगी

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