तेरे सिवा इस दुनिया में, मेरा अपना कुछ भी नहीं
मेरी अपनी झोली में, यादों के अलावा कुछ भी नहीं
उपहास बनाती मौत मेरा कहती है वो आ आ कर,
तू ही बता ले जाऊँ क्या, तुझमें तो अब कुछ भी नहीं
मै तो हारा अपना दिल पाने के लिये तुझको लेकिन,
तूने तो दिल ही तोड़ दिया, इसके अलावा कुछ भी नहीं
कहने को तो सब कुछ है बे शक इस दुनिया में मगर,
तू ही नहीं है पहलू में, तो सब कुछ होना कुछ भी नहीं...