तेरे सब्र का नतीजा भी, ज़रूर निकलेगा !
मुश्किलों से बाहर भी तू, ज़रूर निकलेगा !
न सोच कि हैं दुनिया में सिर्फ दगाबाज़,
यहाँ कोई तो ईमानदार, ज़रूर निकलेगा !
मुस्कराते चेहरों से अंदाज़ा मत लगाइये,
दिल उनका भी ग़मों से, मजबूर निकलेगा !
न रहेंगी हमेशा ये आफतों की काली रातें,
यक़ीनन सूरज वक़्त पर, ज़रूर निकलेगा !
मतलबी यार से मदद की आस क्या कीजे,
वो तो ज़रुरत पर हमेशा, मजबूर निकलेगा !
जो पढ़ाते हैं जहां को #मोहब्बत का सबक,
झाँक कर देखो दिल, चकनाचूर निकलेगा !!!