सारा पाने की चाहत में, सब कुछ छूट जाता है
दिल के क़रीब रिश्ता भी, अचानक टूट जाता है
किस को कहें हमसफर दुनिया में यारो,
कभी कभी तो साया भी, अपने से रूठ जाता है
काँच के मानिंद है ये मोहब्बत का मकां,
बस ज़रा सी चोट खा कर ये, यूं ही टूट जाता है
पाने की ललक में आपा मत खोइए यारो,
इक हद से ज्यादा दबाने से, गुब्बारा फूट जाता है...

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