दोस्ती या दुश्मनी, नहीं निभाता है आईना
जो उसके सामने है, वही दिखाता है आईना
सामने ला देता है सच जो नहीं दिखता हमें,
अच्छा या बुरा, कुछ नहीं छिपाता है आईना
चुपके से पोंछ डालो गर्द चेहरे की "मिश्र",
किसी के दाग, किसी को नहीं बताता है आईना
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