लोग दूसरों में अच्छाइयों से ज्यादा, बुराईयां खोजते हैं
फिर उनमें मिली बुराईयों को, बड़ी चतुराई से सोचते हैं
ज़रा किसी की अच्छाइयों को गहराइयों से सोचें,
उन्हें सब मिल जायेगा खुद में, जो दूसरों में खोजते हैं
लोग दूसरों में अच्छाइयों से ज्यादा, बुराईयां खोजते हैं
फिर उनमें मिली बुराईयों को, बड़ी चतुराई से सोचते हैं
ज़रा किसी की अच्छाइयों को गहराइयों से सोचें,
उन्हें सब मिल जायेगा खुद में, जो दूसरों में खोजते हैं