बिना मतलब, कोई किसी का साथ नहीं देता,
कोई भी बिना लूटे, किसी को खैरात नहीं देता !
झूठ और मक्कारियों का चल पड़ा है दौर अब,
इस जहां में अब, कोई ईमान का साथ नहीं देता !
अब तो है जी हुज़ूरी ही कुशलता का प्रमाण पत्र,
मेहनत के बदले में, अब कोई सौगात नहीं देता !
बदमाश बन कर भले ही जीना हराम हो उसका,
फिर भी ये आदमी, शराफ़त का साथ नहीं देता !
दोस्तो अब रिश्ते भी ख़त्म हो चुके हैं इस कदर,
कि अब तो अपना भी, अपनों का साथ नहीं देता !!!