#खुद ही #रोये और रोकर #चुप हो गये,
वो #ख़्बाव सारे #चकनाचूर हो गये...
#जिन्दगी के सफ़र में यूँ #मदहोश हुये,
कि #रास्ते सारे #मँज़िल के ही #खो गये...

फंसे है ऐसे भ्रमज़ाल में कि #यारों,
अपने पराये ही #दूर हो गये...
यूँ तो #डूब गये हम भी #मोहब्बत के #शहर में आकर,
जो हम #नफ़रत पाने को हम #मज़बूर हो गये...

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