हो के मायूस यूँ ना शाम की तरह ढलते रहिये,,,
#ज़िंदगी एक भोर है #सूरज की तरह निकलते रहिये,,,
ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे,,,
धीरे धीरे ही सही मगर राह पे चलते रहिये,,,

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