नासमझ तो वो ना थे इतना;
कि प्यार को हमारे समझ ना सके;
पेश किया दर्द-ए-दिल हमने नगमों में;
उसे वो सिर्फ शेर समझ बैठे!
नासमझ तो वो ना थे इतना;
कि प्यार को हमारे समझ ना सके;
पेश किया दर्द-ए-दिल हमने नगमों में;
उसे वो सिर्फ शेर समझ बैठे!