यारो, मुझे प्यार के गीत सुनाने नहीं आते
दिलों में, उलफत के दीये जलाने नहीं आते
अंदर कोहराम तो बहुत उठता है मगर,
मुझे दिल के तूफान, होंठों पे लाने नहीं आते
लोग तो दर्द घोल देते हैं बातों में मगर,
मुझ अनाड़ी को, दर्द से भरे फ़साने नहीं आते
मैं तो सीधी ज़िंदगी जीने का आदी हूँ,
औरों की तरह, फ़रेबी सपने दिखाने नहीं आते...