शमा जलाती है, फिर भी परवाने चले आते हैं
दुनिया सताती है, फिर भी दीवाने चले आते हैं
जो प्यार करते हैं डरा नहीं करते दुनिया से,
परवाने खुद ही, अपनी जाँ गंवाने चले आते हैं...

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