रात का अँधेरा तो सुबह होते ही छंट जायेगा
कोहरे का असर भी सूरज के साथ घट जायेगा
क्या करें उस रात का जो दिल में अँधेरा कर गयी
क्या करें उस धुंध का जो मन में बसेरा कर गयी
नहीं उजाला दिल के अंदर तो सूरज भी क्या काम करे
मन में तेरे भरा हलाहल तो अमृत भी क्या काम करे
प्यार का दीप जला कर दिल में घोर अँधेरा दूर करो
प्यार की बात बसा कर मन में घोर हलाहल दूर करो
बातें तो आती जाती हैं उनका मत संकलन करो
गुजर गया सो गुजर गया उसका मत आकलन करो